Friday, May 11, 2007

सात आदिवासियों को मुठभेड़ में मारने वाले को लेकर विवाद जारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सात निर्दोष आदिवासियों को मारे जाने की पुष्टि के बाद भी मामले को दबाने की कथित रूप से कोशिशें जारी हैं।
लगभग डेढ़ माह पुरानी इस वारदात की तीन दिन पूर्व आनन-फानन में जांच और दफनाये गये शवों को निकालकर पोस्टमार्टम करवाये जाने के बाद भी पुलिस ने अज्ञात लोगो के विरूद्ध मामला कल दर्ज कर लिया है लेकिन पुलिस के आला अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं है कि यह हत्यायें पुलिस ने ही कथित रूप से नक्सलियों की सहयोगी मानते हुये की हैं।
बीजापुर जिलें के पोंजेर के लोगो का आरोप है कि पुलिस एवं विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) गत 30मार्च को उनके गंाव आये और सात लोगों को नक्सलियों का सहयोगी संघम सदस्य बताकर ले गये। इनके शव दूसरे दिन गंाव पहुंचे। घटना के सम्बन्ध में दर्ज प्राथमिकी में लगभग 30 लोगों को आरोपी बनाया गया है। मसलन हत्या करने वाले वर्दीधारी पुलिस या नक्सली दोनों हो सकते हैं।
पुलिस महानिदेशक ओ.पी.राठौर का दावा है कि इस प्रकरण में अभी तक की जांच से पुलिस की संलिप्तता नजर नहीं आती। जांच जारी है और जो भी दोषी होगा उसके विरूद्ध कार्रवाई होगी जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भाकपा ने पुलिस की जांच पर ही सवाल खड़ा किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पहले ही बस्तर में हुई मुठभेड़ों की राज्य पुलिस की बजाय किसी निष्पक्ष एजेन्सी से जांच की मांग कर चुके हैं । कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग ने बस्तर में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ों की जांच के लिये दल भेजने का निर्णय लिया है।


[Source: jagran, Friday, May 11, 2007 1:59:59 AM (IST) ]

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