Sunday, May 20, 2007

संतोषपुर : कितने "अज्ञात" हैं ये "वर्दीधारी" ?

शुभ्रांशु चौधरी

पिछले 13 अप्रैल को मैंने इसी कॉलम में बीजापुर जिले के संतोषपुर में हुए मेरे अनुभव के बारे में लिखा था "नक्सली –पुलिस एनकाउंटर का देहाती वर्ज़न" .

बीजापुर के एसपी ने यह बयान दिया था कि 31 मार्च को संतोषपुर में नक्सली पुलिस मुठभेड में 6 आदिवासी मारे गए थे
जबकि उसी ग्राम के ग्रामीणों ने मुझसे कहा था कि पुलिस और एसपीओ ने उनके गांव में 12 लोगों को मार दिया था

किसी भी ग्रामीण ने पुलिस या एसपीओ को मारते हुए नहीं देखा था पर उन्होंने मुझे उस दिन का पूरा घटनाक्रम समझाते
हुए यह बताया था कि क्यों वे यह समझते हैं कि इन लोगों को पुलिस ने ही मारा है और उन 9 लोगों के नाम भी बताए थे
जिनकी लाश वे पहचान सके थे

7 अप्रैल को जब मैं उनसे मिला था तब संतोषपुर, पोंजेर और भोगमगुडा गांव के ग्रामीण अपने गांव से भागकर
बीजापुर के अमानपारा में पेड के नीचे रह रहे थे

वहीं पर मेरी मुलाकात भोगमगुडा की आइति, उसके 3 बच्चे और उसकी सास से हुई थी, आइति ने मुझे बताया था कि एसपीओ उसके पति भोगल कमलू को घर से उठा कर ले गये थे फिर उन्होंने उसकी लाश देखी थी

वहीं मेरी मुलाकात संतोषपुर की बूढी कोडियम बीमे से भी हुई थी. लोगों ने मुझे बताया था कि बाकी मारे गये
लोगों का नक्सलियों से कोई लेना देना नहीं था पर बीमे का बेटा बोज्जा संघम सदस्य था और उसे पकडने के लिये ही
एसपीओ ने उस दिन संतोषपुर में सुबह सुबह शादी घर को घेरा था

बीमे ने मुझे बताया था "जो लोग मारने आए थे उसमें मेरा बडा बेटा सन्नू और संतोषपुर का सरपंच गंगा एमला भी
शामिल था". सन्नू और गंगा कुछ साल पहले एसपीओ बन गये थे

अप्रैल के आखिरी हफ्ते में रायपुर की एक संस्था एफएफडीए ने मेरे लेख को मानव अधिकार आयोग में भेजा. मानव
अधिकार आयोग ने लेख को पढकर एसपी बीजापुर को इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा

इसके बाद डीजीपी श्री राठोड ने मई के पहले हफ्ते में विभागीय जांच के आदेश भी दिए

इस जांच के दौरान संतोषपुर में लाशों को निकाला गया और जांच के बाद पुलिस ने अब "अज्ञात वर्दीधारियों" के खिलाफ
एफआईआर दर्ज़ किया है

यहां पर हम आपके लिये संतोषपुर के उसी एसपीओ सरपंच गंगा एमला के साथ किया एक साक्षात्कार प्रस्तुत कर रहे
हैं जिस गंगा के बारे में मुझे मृतक बोज्जा की मां कोडियम बीमे ने सबसे पहले आरोप लगाया था

यह साक्षात्कार इंटरनेट पर पिछले कई दिनों से उपलब्ध है. हमें बताया गया है कि यह साक्षात्कार बीजापुर के
एसपी कार्यालय से 10 कदम की दूरी पर वहां लिया गया है जहां एसपीओ का निवास है.
सिर्फ इतना ही नहीं हमें यह भी बताया गया है कि इस साक्षात्कार की प्रति एसपी बीजापुर, प्रदेश के पुलिस
प्रमुख, प्रदेश के मुख्यमंत्री, और प्रदेश के राज्यपाल सहित तमाम गणमान्यों को आज से एक महीने पहले भेजी गई है

अब हम इस साक्षात्कार को आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं. यदि आप इसे रूबरू देखना चाह्ते हैं तो इंटरनेट पर
सर्च कर सकते हैं इसे अब हमने छत्तीसगढ की जन वेबसाइट www.cgnet.in पर भी अपलोड कर दिया है

प्रश्न : उस दिन कितने बजे तुम लोग यहां से गए थे, बताओ

उत्तर : यहां से ? साढे चार बजे, साढे चार बजे गए थे

प्रश्न : हां, क्या हुआ फिर ?

उत्तर : जाने से वहां पर संघम लोग थे, उनको पकडे. घेरे तो एक तो भाग गया

प्रश्न : फिर ?

उत्तर : एक भाग जाने के बाद, एक को पकड कर ले ला रहे थे हम लोग. ला रहे थे तो
बीच से पार्टी उधर से आ रहा था. पार्टी वापस ले गया हम लोगो को. बुला के वापस ले गया.

प्रश्न : दूसरी पार्टी, तुम्ही लोगों की या पुलिस की पार्टी थी ?

उत्तर : जी

प्रश्न : फिर क्या हुआ ?

उत्तर : उसके बाद ( एक और) दूसरी पार्टी आई, पुलिस पार्टी आई चेरपाल तरफ से. वो पार्टी के लिये हम वहां रूके. वो
लोग बीच में ले के आए उधर के लोग, जहां जहां मिले, संघम लोग, फिर गांव में लाके मार दिये

प्रश्न : काहे से मारे?

उत्तर : टंगिया से मारे

प्रश्न : कितने लोगों को मारे?

उत्तर : 6 लोग

प्रश्न : 6 लोग को मारे, तो ये मारने वाले कौन थे, पुलिस वाले थे ?

उत्तर : एसपीओ ( स्पेशल पुलिस अफसर) लोग थे

प्रश्न : एसपीओ लोग मारे तो तुम लोग मना नहीं किए कि मारो मत ?

उत्तर : हम लोग मना किए सर कि ऐसा मत करो, अपने गांव वाले हैं, उनको बचाना है बोलके. तो तुम कौन हो बचाने वाले
ऐसा बोले

प्रश्न : खाली एसपीओ एसपीओ थे ?

उत्तर : डीएफ ( डिस्ट्रिक्ट फोर्स) वाले भी थे

प्रश्न : और इन लोगों को लाके संतोषपुर में क्यों मारे ?

उत्तर : ये मालूम नहीं है सर. हम लोगों को जानकारी नहीं है सर वो दूसरा ही पार्टी है सर
प्रश्न : गांव वाले तो बोलते हैं कि कई लोग रात का महुआ बीनने वाले थे ?

उत्तर : जी सर ऐसे महुआ टोकरी लेकर आए थे, महुआ भी था. एकाध जन महुआ टोकरी लेकर आए थे

प्रश्न : उन लोगों को मार दिया ?

उत्तर : जी

प्रश्न : तो ये लोग संघम थे कि महुआ बीनने वाले थे?

उत्तर : एक दो महुआ बिनने वाले थे बाकी संघम थे

प्रश्न : बाकी संघम थे ?

उत्तर : (कोई उत्तर नहीं)

प्रश्न : तुम्हारा पूरा नाम क्या है?

उत्तर : गंगाराम एमला

प्रश्न : और संतोषपुर में पद क्या है?

उत्तर : संतोषपुर सरपंच

प्रश्न : सरपंच या पंच

उत्तर : सरपंच

No comments: